Benefits from singh asana
1. Strengthens the throat, neck, and facial muscles.
2. Does not allow the pimples to occur on the face.
3. It is beneficial for those who speak with stammering and stuttering.
4. Cures diseases of mouth, ears, throat and nose.
method of doing sihasana
1. Sit in vajrasana.
2. Keep the hands straight on the ground between the two knees.
3. Tilt your body forward a little.
4. Open your eyes completely and look into the Mediterranean, tilt your head back.
5. Open your mouth and take out as much tongue as you can.
6. Keep your fingers outstretched.
7. This causes complete stress on the muscles of the mouth.
8. Now make a lot of noise from the throat.
9. Keep your face as a lion’s shape.
10. In this situation, keep making noise for 5 to 10 seconds.
11. Then gently put the tongue in and close your mouth and relax the eyes.
12. Sit back in the bajasan and sit down and then do this.
Repeat five times.
सिंहासन से लाभ
१. गला, गर्दन, और चेहरे की मांसपेशियों को बलिष्ठ बनाता है।
२. चेहरे पर फुनसी को नहीं होने देता है।
३. तुतलाहट और हकलाकर बोलने वालों के लिए लाभदायक है।
४. मुँह, कान, गला और नाक की बीमारियों को दूर करता है।
सिहासन करने की विधि
१. वज्रासन में बैठिये ।
२. हाथों को दोनों घुटनों के बीच जमीन पर सीधा रखें ।
३. थोड़ा अपने शरीर को आगे की ओर झुकावें ।
४. आँखों को पूरी तरह खोलकर भूमध्य में देखें, सिर को पीछे झुकावें ।
५. मुँह खोल कर जितना बन पड़े जीभ को बाहर निकालें ।
६. अंगुलियों को फैलाकर रखें।
७. जिससे मुखड़ा की मांसपेशियों पर पूरा तनाव पड़े।
८. अब गले से खूब आवाज निकाले ।
९. अपने चेहरे शेर की आकृति के रूप में रखें ।
१०. इस स्थिति में ५ से १० सेकण्ड तक आवाज निकालते हुए रहें। ११. तब धीरे से जीभ को भीतर करें मुंह बन्द कर आँखों को आराम दें ।
१२. बजासन में पुनः बैठ कर बाराम करें तब फिर इस बात को
पाँच बार दुहरायें।