Benefits of Pavanmuktasana
- There are many types of asanas under Pavanmuktasana. These asanas flush out contaminated substances and toxins from different joint seating areas of the body, which accumulate in different parts of the body due to low chemical reactions.
- Accumulation of air and gas in the joints of the body leads to relaxation which causes pain like arthritis. These pains sometimes occur here and there in places, which are very painful. These asanas emove these complaints.
- This asana is very beneficial for those who have fallen ill or are very weak and who are unable to move.
- These asanas are very useful for those who have been suffering for a long time. These asanas strengthen the joints and muscles of their body.
- These asanas are very helpful in removing all muscle related diseases and anger.
- These asanas remove all high blood pressure disorders and the patient begins to recover very quickly.
- These asanas are very helpful in removing vaata-vyadhi.
- These asanas perform cleaning work under the body, thereby removing all the toxins stored inside the body and making the body healthy.
- Defective food accumulates toxins like dust, acids, smoke , etc . that spoil the digestive system.
10.They cause diseases of the kind. These diseases are cured by wind-free. 10. These simple asanas remove all kinds of vices and defects which and there is no burden on the body.
- The one who does the wind-free ingestion begins to get all these qualities of energy, health, long life, thorns, ability to do a job, lack of fatigue.
- By practicing wind free and gas free asanas, the endocrine glands are streamlined.
- All the glands start secreting the right amount of rum.
- Disease affected organs can be cured and revived and made normally functional.
- Regular practice of asanas makes the brain powerful and santu
- Without being distracted, you will be able to face the sorrows and worries of the world with a calm mind.
- The entire method of wind-free asana is effective in loosening the body.
- This is a good practice of removing stiffness and elasticity of the body.
पवनमुक्तासन से लाभ
१. पवनमुक्तासन के अन्तर्गत कई प्रकार के आसन शामिल हैं। इन आसनों से शरीर के विभिन्न जोड़वाले स्थानों से दूषित बात और विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं, जो निम्न रासायनिक प्रतिक्रियाओं के कारण शरीर के विभिन्न अंगों में जमा होते हैं ।
२. शरीर के जोड़ों में वायु और गैस जमा होने से शिथिलता उत्पन्न होती है, जो गठिया जैसे दर्द उत्पन्न करती है। ये दर्द कभी यहाँ कभी वहाँ जगह-जगह पर होते रहते हैं, जो बड़े कष्टदायक हैं। इन आसनों से ये शिकायतें दूर हो जाती हैं ।
३. ये आसन उन लोगों के लिए बहुत लाभदायक है, जो बीमार पड़कर उठे हैं या बहुत कमजोर हैं और जो हिल-डोल करने में भी असमर्थ हैं।
४. जो बहुत दिनों तक शथ्याग्रस्त रहे हों, उनके लिए ये आसन बहुत उपयोगी हैं। ये आसन उनके शरीर के जोड़ों और मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं।
५. ये आसन मांसपेशियों से सम्बन्ध रखनेवाले सारे रोग ओर रोष दूर करने में बहुत सहायक होते हैं ।
६. इन आसनों से उच्च रक्त चाप सम्बन्धी सारे दोश और विकार दूर होते हैं और रोगी बहुत शीघ्र आरोग्य लाभ करने लगता है ।
७. ये आसन वात-व्याधि दूर करने में बहुत सहायक होते हैं ।
८. ये आसन शरीर के अन्तर्गत सफाई का काम करते हैं, जिससे शरीर के अन्दर जमा सारे विषाक्त पदार्थ दूर हो जाते हैं और शरीर स्वस्थ हो जाता है।
९. शरीर में दोषपूर्ण भोजन से धूल, अम्ल, धूम आदि विषैले पदार्थ जमा होते रहते हैं, जो पाचन संस्थान को खराब करते ही हैं, विभिन्न |
प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं। पवनमुक्तासनों से ये रोग और द दूर हो जाते हैं । १०. इन सरल आसनों से सब प्रकार के विकार और दोष दूर हो ही जो
हैं और शरीर पर कोई भार नहीं पड़ता।
११. पवनमुक्तासन करने वाले को स्फूर्ति, स्वास्थ्य, दीर्घजीवन, कान्ति, अ कार्य करने की क्षमता, थकान का बिल्कुल अभाव, ये सारे गुण स्व प्राप्त होने लगते हैं।
१२. पवनमुक्त तथा गैसमुक्त आसन के अभ्यास से अन्तःस्रावी ग्र सुव्यवस्थित होती हैं ।
१३. समस्त ग्रन्थियों से उचित मात्रा में रम का स्राव होने लगता है ।
१४. रोग पीड़ित अंगों को नीरोग कर, पुनर्जीवित कर सामान्य कार्य योग्य बनाया जा सकता है ।
१५. आसनों के नियमित अभ्यास से मस्तिष्क शक्तिशाली एवं संतु
बना रहता है ।
१६. बिना विचलित हुए आप शान्त मन से संसार के दु:ख, चिन्ताओं समस्याओं का सामना कर सकेंगे ।
१७. पवनमुक्त आसन की सम्पूर्ण विधि शरीर को ढीला करने प्रभावकारी है।
१८. शरीर का कड़ापन और लोचहीनता हटाने के ये अच्छे अभ्यास है।