Modern Man and Yoga
In today’s age, human beings have all the means of entertainment and material comfort, yet they use all kinds of medicines and sleeping pills for comfort and mental peace in an effort to remove the negative effects of modern life. He works hard in the office, flies by plane, travels by motors and goes to night clubs and cinema halls to get carried away. Nevertheless, instead of peace, happiness and rest, he suffers from mental restlessness and emotional stress. He has no way to get rid of pressure, burden of anxiety and disappointments, which is the product of the global social structure.
Yoga can help him get rid of modern diseases like insomnia (Insomnia), jit (Constipation), jakadava (Stiffness), shrinkage (Crampness) bagh (Rheumatism), arthritis (Arthritis), diabetes (Diabetes), heart disease and blood pressure (Blood pressure). The practice of yoga sun will give more strength to deal with life’s problems and handle the responsibilities. All family and social relations will automatically be shared. There is a limit to the effect of medicines, while regular yoga can help you get rid of many modern dreaded diseases.
Some people who have to do a lot of mental work will have increased thinking power in yoga. Their brain and heart will develop. Those who work physically can also keep themselves in good condition and relieve themselves of fatigue and stress after a day’s hard work.
Most people who have abundant wealth remain poor in the real sense. Their desire to earn more money and the fear of losing property destroys their ability to enjoy life and happiness. Such people seem to be happy to accumulate wealth and to do their intellects. Yoga will change the way of life of such people. They can start a new life with more inspiration and joy than they have experienced so far. His approach to life will be more spacious and more sensitive to the problems of others, in real terms and simply.
You will be able to understand from. Yoga will make them generous and compassionate.
आधुनिक मनुष्य और योग
आज के युग में मानव को मनोरंजन और भौतिक सुख-सुविधा के सभी साधन उपलब्ध हैं, फिर भी वह आराम और मानसिक शान्ति के लिए सभी प्रकार की दवाओं और नींद की गोलियों का प्रयोग आधुनिक जीवन के नकारात्मक प्रभाव को मिटाने के प्रयास में करता है। वह दफ्तर में कठिन परिश्रम करता है, विमान से उड़ाने भरता है, मोटरों से सफर करता और मनबहलाने के लिए रात्रि क्लबों और सिनेमा घरों में जाता है। फिर भी शान्ति प्रसन्नता और आराम के बजाय वह मानसिक बेचैनी और भावनात्मक तनाव का शिकार होता है। उसे दबाव, चिन्ता के बोझ और निराशाओं से, जो वार्तमान समाजिक ढाचे की देन है, मुक्ति पाने का कोई रास्ता नहीं मिलता।
योगाभ्यास से उसे अनिद्रा (Insomnia), जित (Constipation), जकड़ाव (Stiffness), सिकुड़न (Crampness) बाग (Rheumatism), गठिया (Arthritis) मधुमेह (Diabetes), हृदय रोग और रक्तचाप (Blood pressure) जैसे आधुनिक रोगों से मुक्ति मिल सकती है। योगा सनों के अभ्यास से जीवन की समस्याओं से जूझने तथा उत्तरदायियों को संभालने के लिए अधिक शक्ति प्राप्त होगी। सभी पारिवारिक और सामाजिक संबंधों में स्वतः सामजस्य स्थापित हो जायेंगे। दवाओं के प्रभाव की एक सीमा है, जबकि नियमित योगाभ्यास से आप अनेक आधुनिक भयंकर रोगों से छुटकारा पा सकते है।
कुछ व्यक्तियों की जिन्हें अत्यधिक मानसिक कार्य करने पड़ते हैं, योगाभ्यास मे चिन्तन-शक्ति बढ़ेगी। उनके मस्तिष्क और अन्तदुष्टि विकसित होंगे। जो लोग शारीरिक परिश्रम करते हैं, ये भी अपने को ठीक स्थिति में रख सकते है और दिन भर के कठिन परिश्रम के पश्चात् अपने को थकान और तनावों से मुक्त कर सकते है।
अधिकांश ऐसे लोग जिनके पास प्रचुर धन-सम्पत्ति है वास्तविक अर्थ में दरिद्र बने रहते हैं। उनकी सतत् अधिक धन कमाने की कामना और सम्पत्ति खोने का भय उनकी जीवन-सुख भोगने की क्षमता को नष्ट कर देता है। ऐसे लोग धन संचय और उसकी बुद्धि करने में ही खुश मालूम पड़ते हैं। योग ऐसे लोगों की जीवन पद्धति बदल देगा। उन्होंने अबतक जितनी स्फूर्ति और आनन्द का अनुभव किया था उससे अधिक स्फूर्ति और आनन्द के साथ वे एक नये जीवन का प्रारंभ कर सकते हैं। जीवन के प्रति उनकी दृष्टिकोण सवल और अधिक प्रशस्त होगा वे दूसरों की समस्याएँ भी अधिक संवेदनशीलता, वास्तविक रूप में एवं सरलत
से समझ सकेंगे। योग उन्हें उदार एवं सहृदय बनायेगा ।