Prevention of insomnia by practicing yoga
It is important to say something about insomnia which many people are suffering from today and which is widespread. There is a strange pyre about insomnia. When you cannot sleep, you become worried about insomnia , because you know that your condition will become reflective the next day. As you worry about insomnia, its severity increases and it becomes equally impossible to sleep. Those who take sleeping pills need not be told that “this habit is very insensitive. The victims know the effect of these medicines. I don’t want to know why you have insomnia. Let us see how this insomnia can go away. There are many activities of Yoga such as Tadasana, Bhujangasana, Neck Asana, Ghastika, and Nadi Shodhan pranayama, which bring a restful sleep. These are just a few simple functions of the dispersion of all organs. This provides rest because dispersion is the law of nature and stress is automatically removed whenever you spread the body. Therefore, in major areas of the body where stress (stiffness, stiffness, stiffness) occurs easily, mainly before rest at night, can be effective imminently of dispersion, resulting in a relaxed good sleep.
In the true sense, when you rest, you can do anything necessary and do it satisfactorily only by spending the minimum power.
योगाभ्यास से अनिद्रा निवारण
यहां अनिद्रा के विषय में कुछ कहना आवश्यक है जिस बीमारी से आज अनेक व्यक्ति पीड़ित हैं और जो सर्वव्याप्त है। अनिद्रा के विषय में एक विचित्र चिता होती है। जब आप सो नहीं सकते, तो आप अनिद्रा के सम्बन्ध में चितित हो जाते हैं, क्योंकि आप जानते हैं कि आपकी दशा दूसरे दिन चिंतनीय हो जायगी। अनिद्रा के सम्बन्ध में ज्यों-ज्यों आप चिता करते हैं, त्यों-त्यो उसकी गंभीरता भी बढ़ती जाती है और सोना उतना ही असंभव हो जाता है। जो लोग नींद की गोलियां खाते हैं, उनको यह बतलाने की आवश्यकता नहीं है कि “यह आदत अत्यन्त अस्व स्थकर है।” इन दवाओं का क्या असर होता है, उसे भुक्तभोगी जानते हैं। आपको अनिद्रा की शिकायत क्यों है, इस विषय में मैं जानना नहीं चाहता। हम यह देखें कि यह अनिद्रा कैसे दूर हो सकती है। योग की अनेक क्रियाएँ हैं, जैसे ताड़ासन, भुजंगासन, गर्दन के आसन, घस्तिका, और नाड़ी शोधन प्राणायाम, जो विश्राम पूर्ण नींद लाते हैं। ये सभी अंगों के फैलाव की कुछ सरल क्रियाएँ मात्र हैं। इससे विश्राम इस कारण मिलता है कि फैलाव प्रकृति का नियम है और जब कभी आप शरीर का फैलाव करते हैं तो तनाव स्वतः दूर होता है। इसलिए उन शरीर के प्रमुख क्षेत्रों में जहाँ तनाव (कडापन जकड़ाव, अकड़न) आसानी से हो जाता है, मुख्यतः रात में विश्राम के पूर्व, फैलाव के आसन्न प्रभावकारी हो सकते हैं, फलतः विश्रामपूर्ण अच्छी नींद आ सकती है।
सच्चे अर्थों में जब आप विश्राम कर लेते हैं, तो आप कोई भी आवश्यक कार्य कर सकते हैं और उसे न्यूनतम शक्ति खर्च कर ही सन्तोषप्रद ढंग से कर सकते हैं।